प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को आश्वासन दिया है कि नए कृषि संबंधी सुधार उनके विकास के लिए लाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कल एक सभा में उन्होंने कहा कि सरकार न केवल किसानों को नए बाजार के अवसर प्रदान करना चाहती है बल्कि मंडी व्यवस्था को भी मजबूत करना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नए कृषि सुधारों ने किसानों को नए विकल्प और नई कानूनी सुरक्षा दी है और अगर कोई पुरानी प्रणाली जारी रखना चाहता है, तो वह भी उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार नेक इरादों से साथ काम कर रही है और अब देश के किसान आत्मनिर्भर भारत अभियान का नेतृत्व करेंगे।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कृषि सुधारों के बारे में विपक्ष द्वारा गलत सूचना फैलाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के नाम पर पहले भी कई पैकेज और योजनाओं की घोषणा की गई थी लेकिन इसका लाभ गरीब किसानों तक कभी नहीं पहुंचा।
श्री मोदी ने कहा कि अब सरकार किसानों की सहायता कर रही है और उन्हें बीज, सिंचाई सुविधा, बाजार और बीमा कवर प्रदान करके उनकी आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने यूपीए टू के पांच वर्ष के कार्यकाल की तुलना में किसानों के उत्पादों की खरीद कई गुना अधिक की है। श्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान भी, सरकार ने किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास सरकार की नीतियों के बारे में गलत सूचना फैलाने की प्रवृत्ति है।
प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 के प्रयागराज के हंडिया से वाराणसी के राजा तालाब खंड की छह-लेन चौड़ीकरण परियोजना राष्ट्र को समर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि प्रयागराज और वाराणसी के बीच उन्नत राजमार्ग से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी और इससे विकास को और बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश की छवि में बदलाव आ रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि वाराणसी का अभी जो विकास हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी से अब विदेशी बाजारों में सब्जियों और फलों का निर्यात किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी में कई आयोजनों में भाग लिया और काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारा परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा के बाद, उन्होंने मंदिर में भगवान शिव की प्रार्थना की।