सरकार ने आज ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म- ओ.टी.टी., ऑनलाइन स्ट्रीमिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए दिशानिर्देश तथा आचार संहिता जारी कर दी। दिशानिर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नग्नता का प्रदर्शन करने वाले और काट-छांट कर बनाए गए महिलाओं के अभद्र चित्रों को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। पीडितों और उपयोग करने वालों की शिकायतें प्राप्त करने और उन्हें निपटाने सम्बंधी प्रक्रिया भी तैयार की जायेगी।
आज नई दिल्ली में डिजिटल मीडिया संबंधी दिशा-निर्देश और आचार सहिंता जारी करते हुए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया को मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा जिस पर कायदे कानून पर अमल सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म को मासिक अनुपालना रिपोर्ट भी प्रकाशित करनी होगी जिसमें प्राप्त हुई शिकायतों के विवरण के साथ-साथ उन पर की गई कार्रवाई और हटाई गई सामग्री का ब्यौरा देना होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का भारत में कारोबार करने के लिए स्वागत है, लेकिन उन्हें देश के संविधान और कानून का पालन भी करना होगा।
सरकार ने डिजिटल मीडिया आचार संहिता का भी विमोचन किया, जो डिजिटल मीडिया और ओ.टी.टी.प्लेटफार्म्स की डिजिटल सामग्री को विनियमित करने के लिए बनायी गयी है। ओ.टी.टी.प्लेफार्म्स प्रदर्शित की जाने वाली सामग्री को आयु वर्ग के आधार पर पांच श्रेणियों में वर्गीकृत करेंगे और उसके बारे में दर्शकों को जानकारी देंगे।
डिजिटल मीडिया पर समाचार प्रदर्शित करने वालों को पत्रकारों से संबंधित भारतीय प्रेस परिषद की आचार संहिता के मानदंडों का पालन करना होगा। इसके अलावा उन्हें केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन कानून के तहत कार्यक्रम संहिता को मानना होगा। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि इन नियमों में स्वनियमन के जरिये तीन स्तरों वाली शिकायत निवारण प्रणाली कायम करने की व्यवस्था गई है।
पहले स्तर पर भारत में शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी, जो शिकायतों के समाधान के लिए उत्तरदायी होगा। उसे प्रत्येक शिकायत पर 15 दिन के भीतर निर्णय लेना होगा। दूसरे स्तर पर एक या एक से अधिक स्वनियामक संगठन बनाये जा सकते हैं। इस तरह के संगठन की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अथवा कोई जाना-माना व्यक्ति कर सकता है। संगठन में सदस्यों की संख्या छह से अधिक नहीं होगी। यह संगठन आचार संहिता के अनुपालन की निगरानी भी करेगा और 15 दिन के भीतर सुलझाये नहीं जा सके, मामलों का समाधान करेगा। तीसरे स्तर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी एक निगरानी प्रणाली बनायेगा और स्वनियामक संगठनों के घोषणा पत्र सहित आचार संहिता प्रकाशित करेगा। मंत्रालय शिकायतों के निवारण के लिए अंतर विभागीय समिति भी गठित करेगा।