सरकार ने कहा – कोविड वैक्‍सीन का बडे पैमाने पर उत्‍पादन वैज्ञानिकों की मंजूरी मिलने के बाद शुरू होगा

सरकार ने आज कहा कि वैज्ञानिक स्‍वीकृति मिल जाने के बाद देश में कोविड महामारी के टीके का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन शुरू कर दिया जाएगा। आज दोपहर बाद नई दिल्‍ली में मीडिया को जानकारी देते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि टीके के उत्‍पादन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और टीके की खुराक को देश में हर एक व्‍यक्ति को जल्‍द से जल्‍द सुलभ कराने के लिए भी खाका तैयार कर लिया गया है। सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने टीके को आपात स्थिति में उपयोग में लाने की स्‍वीकृति के लिए आवेदन किया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने टीका उत्‍पादन करने वाली कम्‍पनियों और वैज्ञानिकों से बातचीत की है। भारत में छह संभावित टीकों पर नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने कहा कि कुछ टीकों को अगले कुछ सप्‍ताह में लाइसेंस मिल जाने की संभावना है। केंद्र सरकार, राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से टीकों के उत्‍पादन से संबंधित तैयारियां कर रही है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि टीकाकरण सिर्फ राज्‍यों और केंद्र की जिम्‍मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें जनता की भी पूरी भागीदारी होनी चाहिए। उन्‍होंने बताया कि कोविड-19 का टीका लगाने के लिए राष्‍ट्रीय विशेषज्ञ दल इस साल अगस्‍त में गठित कर लिया गया था। यह समूह जनसंख्‍या में विभिन्‍न समुदायों के लिए टीकाकरण की प्राथमिकता तय करने, टीकों की खरीद, भंडारण और प्रबंधन, टीकों के चयन तथा वितरण और इनकी आपूर्ति पर नज़र रखने वाली प्रणाली के बारे में दिशा-निर्देश प्रदान करता है।

स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने बताया कि जहां दुनिया भर में कोविड महामारी के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं भारत में सितम्‍बर के मध्‍य से नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। उन्‍होंने कहा कि देश में इस समय महामारी से पीडि़त लोगों की संख्‍या चार लाख से कम है और यह देश में कुल मामलों के चार प्रतिशत से कम है। देश में कोविड रोगियों में से 54 प्रतिशत महाराष्‍ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम-बंगाल और दिल्‍ली से हैं।

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