वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में इन उपायों की घोषणा की। इनमें आठ आर्थिक पैकेज भी शामिल हैं, जिनमें से चार पूरी तरह से नये हैं, जबकि एक विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए है।
वित्तमंत्री ने बताया कि राहत उपायों में एक लाख करोड़ से अधिक की ऋण गारंटी योजना कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए है। इसमें से पचास हजार करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए होंगे। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक मदद से स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने का काम किया जायेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि यह ऋण गारंटी योजना आठ बड़े शहरों को छोड़कर अन्य शहरों में स्वास्थ्य क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं के विस्तार और कुछ नई योजनाओं को शुरू करने के लिए है।
निर्मला सीतारामन ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मई 2020 में शुरू की गई इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये के पैकेज की भी घोषणा की। इस योजना के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 और निजी क्षेत्र के 25 बैंकों तथा 31 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के ओर से अब तक दो लाख उनहत्तर हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है़। उन्होंने बताया कि कारोबार करने वालों के लिए ऋण गारंटी की सीमा तीन लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर साढ़े चार लाख करोड़ रुपये कर दी गई है।
एक अन्य राहत उपाय के तहत वित्तमंत्री ने 25 लाख छोटे कारोबारियों के लिए भी ऋण गारंटी योजना की घोषणा की। इसके तहत लघु और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से छोटे कारोबारियों के लिए सवा लाख रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कोरोना से प्रभावित पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 11 हजार पंजीकृत टूरिस्ट गाइड और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के लिए भी बड़े राहत पैकेज की घोषणा की। इसके तहत सौ फीसदी गारंटी के साथ दस लाख रुपये तक का ऋण ट्रैवल और टूर एजेंसियों को दिया जायेगा। राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर पंजीकृत और लाइसेंस प्राप्त टूरिस्ट गाइड एक लाख रुपये तक का ऋण ले सकेंगे।
वित्तमंत्री ने विदेशी पर्यटकों के लिए पांच लाख वीजा मुफ्त जारी करने की घोषणा की। यह स्कीम 31 मार्च 2020 तक या पांच लाख वीजा जारी किये जाने तक लागू रहेगी। एक पर्यटक को केवल एक बार इस योजना का लाभ मिलेगा। इस पूरी योजना के तहत सौ करोड़ रुपये की मदद दी जायेगी।
श्रीमती सीतारामन ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की अवधि 30 जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने की भी घोषणा की। यह योजना पिछले वर्ष अक्टूबर में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन के माध्यम से नियोक्ताओं को रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद करना है।