गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन से प्रभावित लोगों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए केंद्र द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं। लोकसभा में उत्तराखंड आपदा पर अपने वक्तव्य में अमित शाह ने कहा कि लापता लोगों की खोज के सभी संभव प्रयास किए जा रहे है। केंद्र स्थिति की पूरी निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की पांच टीमें और सेना की आठ टीमें राहत कार्य में लगी हुई हैं। वायु सेना के पांच हेलीकॉप्टरों बचाव कार्य में लगे हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि एनटीपीसी परियोजना के 12 लोगों को एक सुरंग से सुरक्षित बचाया गया और ऋषिगंगा परियोजना के 15 लोगों को घटना के समय बचा लिया गया था। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी परियोजना की दूसरी सुरंग में 25 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है उन सभी को बचाने के युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि आईटीबीपी ने अपना नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और इसके करीब 450 जवान खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। घटना स्थल पर एक चिकित्सा इकाई गठित की गई है और एक एम्बुलेंस तैनात है। एक अलग बयान में गृह मंत्री ने कांग्रेस के आरोप पर अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की अपनी यात्रा के दौरान वे रवींद्रनाथ टैगोर की सीट पर नहीं बैठे थे। उन्होंने कहा कि वह एक खिड़की पर बैठे जहां बैठने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी भी उसी स्थान पर बैठे थे।