सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के दूसरे लॉन्च पैड से आज तीसरे चंद्रयान मिशन के प्रक्षेपण की सभी तैयारी कर ली गई है। प्रक्षेपण की उलटी गिनती आज दोपहर बाद लगभग 2 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। तीसरे चन्द्रयान मिशन के प्रक्षेपण की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मिशन से मिलने वाली महत्वूपर्ण जानकारी विश्व स्तर पर भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए उपयोगी होगी।
इस मिशन से पता चलता है कि भारत वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति करने के लिए काफी सक्षम है। एल.वी.एम.-3 रॉकेट इस मिशन के लिए पूरी तरह तैयार है।चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान लैंडर और एक रोवर को लेकर जाएगा और यह उन्हें चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा. चंद्रयान-3 मिशन के तहत उपकरणों को दो कैटेगरी में रखा गया है। लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक उपकरणों को ‘चंद्रमा का विज्ञान’ विषय में रखा गया है तो वहीं प्रायोगिक उपकरण चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करेंगे. इसे ‘चंद्रमा से विज्ञान’ विषय में रखा जाएगा।
मिशन के उद्देश्य की अगर बात की जाए तो इसमें तीन प्रमुख बातें शामिल हैं. सबसे पहला यही है कि चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना है, दूसरा रोवर को चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन करना और तीसरा वैज्ञानिक प्रयोग करना है।











