संतों और द्रष्टाओं की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करने के लिए एक अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
इस आशय का एक औपचारिक प्रस्ताव सोमवार को प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की एक बैठक में पारित किया गया।
यह निर्णय लिया गया कि इन मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास पहले किया जाना चाहिए और यदि यह विफल रहता है, तो संत कानूनी निवारण की तलाश करेंगे।
एबीएपी ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में ईदगाह पर नियंत्रण रखने के लिए संबंधित पक्षों से भी अपील की।
अखाड़ा परिषद ने इस अभियान में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सहयोग भी मांगा है।
एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अब जब राम मंदिर का मुद्दा सुलझ गया था, तो काशी और मथुरा की मुक्ति का समय आ गया था।