अटारी-वाघा संयुक्त चेकपोस्ट पर आम नागरिक आज सायंकाल से बीटिंग रिट्रीट समारोह का अवलोकन कर सकेंगे। भारत-पाकिस्तान के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के कारण स्थगित की गई यह प्रतिष्ठित सेरेमनी मंगलवार से पुनः प्रारंभ की गई है, परंतु प्रथम दिन केवल मीडिया प्रतिनिधियों को ही आमंत्रित किया गया था। फिरोजपुर स्थित हुसैनीवाला एवं फाजिल्का स्थित सदकी सीमा चौकियों पर भी आज से आम जनता इस ऐतिहासिक समारोह का साक्षी बन सकेगी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के निष्पादन के उपरांत 8 मई से सीमा चौकियों पर यह औपचारिक परेड निलंबित कर दी गई थी। वर्तमान में इस आयोजन को पुनः प्रारंभ किया गया है, किंतु 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के अनुसरण में सुरक्षा मानकों के अनुरूप महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं।
प्रमुख परिवर्तनों में सर्वप्रथम, समारोह के दौरान भारतीय पक्ष से सीमा द्वार बंद रखे जाएंगे। द्वितीय, दोनों देशों के सैनिकों के मध्य हस्तांदोलन की परंपरागत प्रथा का भी निरस्तीकरण किया गया है। अतिरिक्त रूप से, किसी भी अवसर पर मिष्ठान्न अथवा उपहारों का आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा।
बीटिंग रिट्रीट समारोह राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देशभक्ति की भावना का सशक्त प्रतीक है। सहस्रों की संख्या में अटारी आगमन करने वाले दर्शकों हेतु यह कार्यक्रम अत्यधिक आकर्षण का केंद्र रहा है। यह समारोह नागरिकों में सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता की भावना उत्पन्न करता है तथा राष्ट्र के प्रति अभिमान और राष्ट्रीय सेवा हेतु नवीन ऊर्जा का संचार करता है।
इस प्रकार, संशोधित प्रोटोकॉल के साथ बीटिंग रिट्रीट समारोह की पुनः शुरुआत भारत की सुरक्षा के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता एवं राष्ट्रीय अखंडता के प्रति सजगता का प्रतीक है। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों के वर्तमान संदर्भ में महत्वपूर्ण सांकेतिक मूल्य रखता है।