ईद-उल-फितर पर सड़क पर नमाज करने पर पुलिस ने सख्त कदम उठाने की चेतावनी जारी की है। उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस ने आदेश दिया है कि ईदगाह के बाहर सड़क पर नमाज अदा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी। इसके अतिरिक्त, अपराधियों के पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। यह कदम पिछले वर्ष सड़क पर नमाज अदा करने के बाद कई लोगों के विदेश जाने और उमरा पर चलने के मामलों के मद्देनजर उठाया गया है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि ईद-उल-फितर की नमाज केवल ईदगाह स्थल पर ही अदा की जाएगी और मस्जिदों में ही इबादत करने की सलाह दी गई है। फरियाद की जा रही है कि भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति धार्मिक आयोजन नहीं किए जाएंगे। एसएसपी विपिन ताडा ने सभी थाना प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सड़क पर नमाज अदा करने पर कड़ी रोक लगाई जाए। इसके लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।
मेरेठ रेंज के चार जिलों—मेरेठ, हापुर, बागपत और बुलंदशहर में ईद और अलविदा जुमा के अवसर पर चौकसी बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। इन जिलों में कुल 1370 मस्जिदों और 471 ईदगाहों में नमाज अदा की जाएगी। इसके साथ ही 205 संवेदनशील स्थानों को निर्धारित किया गया है जहाँ अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
केंद्र सरकार के मंत्री जयंत चौधरी ने इस आदेश पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा, “पुलिसिंग टुवर्ड्स ओरवेलियन 1984”।
पुलिस का यह कदम समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि धार्मिक आयोजन सुचारू रूप से और सुरक्षित वातावरण में सम्पन्न हो सकें।











