केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा है कि टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी होने और कोविड महामारी की स्थिति समाप्त होने के बाद नागरिकता प्रदान करने का काम किया जाएगा। आज पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव ठाकुरनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने मतुआ समुदाय के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वर्ष 2018 में भाजपा के वादे के अनुसार नागरिकता दी जाएगी।
उन्होंने सुश्री ममता बनर्जी पर मतुआ समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम-सीएए में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है बल्कि यह उन शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करेगा जिन्हें 70 साल बाद भी अभी तक यह अधिकार नहीं मिला है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सीएए से देश में मुसलमानों की नागरिकता प्रभावित नहीं होगी। गृह मंत्री ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो शरणार्थी कल्याण योजना शुरू की जाएगी।