संसद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक, 2021 आज पारित कर दिया। लोकसभा में यह विधेयक आज पारित हुआ, जबकि राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।विधेयक में अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम केन्द्र शासित-एजीएमयूटी कैडर के साथ जम्मू-कश्मीर संवर्ग का विलय करने का प्रावधान है।
विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एन डी ए सरकार के सत्ता में आने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज व्यवस्था शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के बहुत से नागरिकों को पिछले 70 वर्षों में बिजली का कनेक्शन नहीं मिला था और पिछले सात महीनों के दौरान उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। श्री शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शीर्ष प्राथमिकता है और इस केंद्रशासित प्रदेश में बहुत सी विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। श्री शाह ने कहा कि सुदूर इलाकों तक विकास कार्य पूरे किए जाएंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष पूछ रहा है कि 2019 से जम्मू-कश्मीर के लिए एनडीए सरकार ने क्या किया है। उन्होंने सवाल किया कि 70 साल तक जम्मू-कश्मीर के लिए विपक्ष ने क्या किया। श्री अमित शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों के लिए शासन करने का अवसर दिया गया उन्हें खुद स्वंय से पूछना चाहिए । उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना राष्ट्र के हित के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे का कोई सम्बन्ध नहीं है और यह दावा किया कि राज्य का अधिकार उचित समय पर दिया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि जिन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर पर 70 वर्षों तक शासन किया, उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र को विकसित करने या रोजगार प्रदान करने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 2022 से पहले जम्मू-कश्मीर के युवाओं को 25 हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा कारोबारी जम्मू-कश्मीर में पहले निवेश नहीं कर रहा था, लेकिन धारा 370 के हटने के बाद कई व्यापारी वहां निवेश कर रहे हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार ने बिल लाते समय बहुत सारे सपने दिखाए, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति नहीं लौटी है। उन्होंने कहा कि वहां 90 हजार करोड़ से अधिक का स्थानीय व्यापार समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार जम्मू-कश्मीर में विस्थापित पंडितों को वापस लाने में सफल नहीं रही है।
टीएमसी नेता सौगत राय ने पूछा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश में बदलने के बाद क्या हासिल हुआ है।
आर एस पी के एन. के. प्रेमचंद्रन ने जम्मू कश्मीर में कानून और व्यवस्था की वास्तविक स्थिति जानने की कोशिश की। उन्होंने यह भी पूछा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब दिया जाएगा।
मध्यस्थता सुधार विधेयक-2021 तथा संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक-2021 को आज लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। बाद में अध्यक्ष ने सदन को आठ मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।