देश की रक्षा क्षमता मजबूत, नौसेना ने किया स्वदेशी मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित वर्टिकली-लॉंच्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल का सफल परीक्षण बुधवार को किया। यह मिसाइल प्रणाली भारतीय नौसेना की क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगी। परीक्षण के दौरान, इस अत्याधुनिक मिसाइल ने सभी निर्धारित परिस्थितियों में अपने लक्ष्य को सटीकता के साथ निशाना साधा और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस परीक्षण ने मिसाइल की विश्वसनीयता और सटीकता की पुष्टि की है। परीक्षण के दौरान सभी हथियार प्रणाली के तत्व युद्धक कॉन्फ़िगरेशन में तैनात थे, जिनमें स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर, मल्टी-फंक्शन रडार और वेपन्स कंट्रोल सिस्टम शामिल थे। विशेषज्ञों ने कहा कि सभी प्रणालियों ने अपेक्षित प्रदर्शन किया। उड़ान डेटा का सत्यापन आईटीआर चांदीपुर द्वारा विकसित विभिन्न रेंज उपकरणों से किया गया।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने 26 मार्च को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से दोपहर लगभग 12 बजे यह मिसाइल परीक्षण किया। यह परीक्षण भूमि आधारित वर्टिकल लॉन्चर से एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य के खिलाफ, बहुत निकट रेंज और निम्न ऊंचाई पर किया गया। इस परीक्षण ने मिसाइल प्रणाली की नियर-बाउंड्री-लो अल्टीट्यूड क्षमता को स्थापित किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO, भारतीय नौसेना और रक्षा उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल प्रणाली देश की रक्षा अनुसंधान एवं विकास क्षमता का प्रमाण है और भारतीय नौसेना की शक्ति में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी संबंधित टीमों को सफल परीक्षण पर अभिनंदन किया। उन्होंने उल्लेख किया कि यह मिसाइल आधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस होकर सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी मजबूती प्रदान करेगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा में वृद्धि होगी।

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