प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत इस महीने की 16 तारीख से दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक चरण में पहुंच रहा है।
श्री मोदी कल शाम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की और टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किए जाने पर विस्तार से चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का टीकाकरण पिछले तीन-चार सप्ताह से लगभग 50 देशों में चल रहा है और अब तक लगभग ढ़ाई करोड़ लोगों को ही टीका लगा है। उन्होंने कहा कि भारत ने अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है।
श्री मोदी ने कहा कि देश में बनी दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि ये दोनों वैक्सीन किफायती हैं तथा चार और वैक्सीन विकसित की जा रही है।
श्री मोदी ने कहा है कि पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को ये टीके लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण में तीन करोड़ लोगों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी और राज्य सरकारों को कोई खर्चा नहीं करना होगा।
दूसरे चरण में पचास वर्ष से अधिक आयु और किसी भी रोग से ग्रस्त पचास वर्ष से कम आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों ने देशवासियों को प्रभावी टीके उपलब्ध कराने के लिए सभी सावधानियां बरती हैं।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने कोविड वैक्सीन से हो सकने वाली किसी भी तरह की प्रतिकूल प्रतिक्रिया से निपटने के प्रबंध किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्यों के बीच विचार-विमर्श तथा सहयोग से कोविड के खिलाफ लड़ाई में बहुत मदद मिली है और देश में संघीय व्यवस्था का अच्छा उदाहरण सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। श्री मोदी ने कहा कि यह कोरोनाकाल के दौरान एकजुट होकर काम करने और पूरी संवेदनशीलता के साथ तत्काल निर्णय लेने का परिणाम है।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से टीकाकरण के दौरान अफवाहों के खिलाफ कारगर व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश के भीतर और बाहर कुछ स्वार्थी तत्व अफवाहें फैलाने का काम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कि इस टीकाकरण अभियान का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उन लोगों की पहचान और निगरानी करना है जिन्हें टीके की आवश्यकता है। इसके लिए को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि आधार की मदद से लाभार्थियों की पहचान कर समय पर दूसरी खुराक दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
श्री मोदी ने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि टीकाकरण से संबंधित रियल टाइम डाटा को-विन पर अपलोड किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को पहला टीका लगाए जाने के बाद को-विन तत्काल एक डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र तैयार करेगा। यह प्रमाणपत्र दूसरा टीका लगाने का समय सूचित करेगा, जिसके बाद अंतिम प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
देश के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू की मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस बारे में रूपरेखा तैयार की है, जिस पर तत्काल अमल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए जिलाधिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री मोदी ने कहा कि उन राज्यों को और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, जहां बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में कोविड से निपटने में अन्य देशों की तुलना में बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान में भी राज्यों को ऐसा ही बेहतर समन्वय जारी रखना चाहिए।
मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण शुरू करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण को लेकर कुछ मुद्दों और चिंताओं का उल्लेख किया, जिनके समाधान के तरीके बैठक में स्पष्ट किए गए।