भारतीय वायुसेना पहली बार संयुक्त अरब अमारात के अल-धफरा एयरबेस पर आज से शुरू हो रहे डेजर्ट फ्लैग अभ्यास में शामिल हो रही है। संयुक्त अरब अमारात की वायु सेना की मेजबानी में हो रहे इस वार्षिक युद्धाभ्यास में कई देशों की सेनाएं शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के अतिरिक्त अमरीका, फ्रांस, सउदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की वायुसेनाएं भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं। यह अभ्यास इस महीने की 27 तारीख तक चलेगा।
डेजर्ट फ्लैग अभ्यास में भारतीय वायुसेना के छह सुखोई एस.यू-30 एम.के.आई., दो सी-17 और एक आई.एल-78 टैंकर विमान हिस्सा ले रहे हैं। सी-17 ग्लोब मास्टर विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े को इस अभ्यास में शामिल होने और फिर वहां से वापसी में सहायता प्रदान करेगा। वहीं एस.यू.-30 एम.के.आई विमान भारत से अभ्यास स्थल तक लम्बी दूरी की उड़ान भरेगा। उसे आई.एल-78 विमान से हवा में ईंधन भरने की सुविधा मिलेगी।
इस अभ्यास का उद्देश्य इसमें शामिल वायु सेनाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ परिचालन संबंधी क्रियाकलापों में शामिल होने का अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही उन्हें एक-दूसरे के साथ व्यवहारिक अभ्यास करने और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का भी मौका हासिल होगा।
इस अभ्यास में दुनियाभर के विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमान शामिल हो रहे हैं जो भारतीय वायुसेना सहित तमाम अन्य वायुसेनाओं को आपस में ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान का अवसर देंगे। इसके साथ ही उन्हें अपने क्रियाकलापों संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने तथा पारस्परिक कामकाज के संबंध में जानकारी हासिल करने का भी बेहतरीन मौका मिलेगा।
यही नहीं इस अभ्यास में शामिल देशों के बीच गतिशील और वास्तविक युद्धक माहौल में आपसी संपर्क से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।
पिछले एक दशक में भारतीय वायुसेना ने बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यासों की मेजबानी की है और नियमित रूप से ऐसे आयोजनों में हिस्सा लेती रही है जिनमें विश्व की बेहतरीन वायुसेनाओं के बीच आपसी सहयोग होता रहा है।