भारत ने पड़ोसी देशों को स्वदेशी कोविड वैक्सीन की खेप भेजने का काम शुरू किया

भारत आज से कोविड-19 टीकों का निर्यात आरांभ कर देगा। इसके साथ ही मध्‍य और निन्‍न आय वाले देशों के लिये टीकों की आपूर्ति का रास्‍ता खुल गया है। ऑक्‍सफोर्ड और एस्‍ट्राजेनेका टीकों का भंडारण आसानी से किया जा सकता है और भारत की आने वाले दिनों में इन टीकों की लाखों खुराकें निर्यात करने की योजना है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने एक ट्वीट संदेश में कहा है कि दुनिया के देशों की स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी आवश्‍यकतायें पूरा करने के लिए भारत को एक पुराने सहयोगी देश के नाते बडे सम्‍मान से देखा जाता है।

एक बयान में विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सरकार को पडोसी देशों के साथ-साथ कई महत्‍वपूर्ण सहयोगी देशों से भारत में बने टीकों की आपूर्ति के कई अनुरोध मिले हैं। इनके जवाब में और टीकों के उत्‍पादन के बारे में भारत की वचनबद्धता के अनुसार तथा कोविड महामारी से निपटने में समूची मानवता की मदद करने की अपनी क्षमताओं को ध्‍यान में रखते हुए भूटान, मालदीव, बंगलादेश, नेपाल, म्‍यामा और सेशल्‍स के लिए टीकों की आपूर्ति आज से शुरू की जाएगी। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि श्रीलंका, अफगानिस्‍तान और मॉरिशस के मामले में भारत आवश्‍यक विनियामक स्‍वीकृति मिलने का इंतजार कर रहा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और अन्‍य देशों में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है और चरणबद्ध तरीके से स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों, कोविड के उपचार में लगे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और अधिक जोखिम वाले लोगों को टीका दिया किया जा रहा है। घरेलू आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखते हुए भारत आने वाले समय में कोविड टीकों को अपने सहयोगी देशों को चरणबद्ध तरीके से उपलब्‍ध कराएगा।

विदेशों को टीकों की आपूर्ति करते समय यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि घरेलू टीका निर्माताओं के पास देश की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में स्‍टॉक उपलब्‍ध रहे। टीकों के वितरण से पहले दो दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम कल शुरू हुआ जिसमें भारत और विदेशों के टीकाकरण प्रबंधकों, कोल्‍ड चेन अधिकारियों, जनसंचार अधिकारियों और डाटा मैनेजरों को प्रशासनिक और संचालन संबंधी पहलुओं की जानकारी दी गई।

मंत्रालय ने कहा है कि भारत कोविड महामारी के दौर में पहले भी हाईड्रो-ऑक्‍सी-क्‍लोरोक्विन, रेमडेसिविर और पेरासिटामोल गोलियों के साथ-साथ नैदानिक किट, वेंटिलेटर, मास्‍क, दस्‍ताने और अन्‍य चिकित्‍सा सामग्री अनेक देशों को सप्‍लाई कर चुका है।

भारत ने अपने पडोसी देशों की नैदानिक क्षमताओं को बढाने और सुदृढ करने के लिए कई देशों को प्रशिक्षण भी उपलब्‍ध कराया है। इन्‍हीं प्रयासों के तहत भारत दुनियाभर के देशों को टीके उपलब्‍ध करा रहा है। लेकिन ऐसा करते समय घरेलू आवश्‍यकताओं का भी पूरा ध्‍यान रखा जा रहा है और अंतर्राष्‍ट्रीय मांग तथा बाध्‍यताओं का भी ख्‍याल रखा गया है।

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