वरिष्ठ एनसीपी नेता एवं समता परिषद के संस्थापक छगन भुजबल को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को मंत्री पद की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, एनसीपी कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह समारोह संपन्न हुआ।
शपथ ग्रहण के उपरांत, भुजबल ने राजनीतिक नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह सहित अपने निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों और समता परिषद के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का कार्यभार मिलने की संभावना है, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने पूर्व में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे सरकारों में भी निभाई थी। उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मंत्री पद से वंचित रहने के कारण भुजबल असंतुष्ट थे। उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि विधानसभा चुनावों के दौरान ओबीसी मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया गया।
इसके अतिरिक्त, भुजबल दो बार राज्यसभा सीटों के लिए उनके नामांकन पर विचार न किए जाने से भी क्षुब्ध थे। हालांकि, एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और राज्य इकाई प्रमुख सुनील तटकरे ने मिलकर सर्वसम्मति से भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया।
भुजबल की नियुक्ति एनसीपी के लिए रणनीतिक महत्व रखती है, विशेषकर तब जब एक अन्य ओबीसी नेता धनंजय मुंडे को मार्च में एक हत्या मामले में इस्तीफा देना पड़ा था। भुजबल मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान ओबीसी आरक्षण की सुरक्षा के लिए अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं और जाति आधारित जनगणना के प्रबल समर्थक हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को चार महीने में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न करने के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में भुजबल का मंत्रिमंडल में शामिल होना एनसीपी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।