राज्यसभा ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून विशेष प्रावधान-द्वितीय संशोधन विधेयक-2021 को पारित कर दिया। यह पिछले वर्ष 30 दिसम्बर को लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून विशेष प्रावधान-द्वितीय संशोधन अधिनियम-2011 में संशोधन किया गया है। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कोविड महामारी के मद्देनजर संसद निलम्बित थी और 2011 का अधिनियम पिछले वर्ष 31 दिसम्बर तक ही वैध था। इसके मद्देनजर दिसम्बर में अध्यादेश लाना जरूरी था। राज्यसभा में विधेयक पर बहस का उत्तर देते हुए श्री पुरी ने कहा कि अगर तब अध्यादेश नहीं लाया जाता तो दिल्ली में राज्य की एजेंसियां अनधिकृत कालोनियों में निर्माण पर सीलिंग लगाना शुरू कर देती। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
- श्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल एक करोड 12 लाख मकानों के निर्माण के लक्ष्य में से लगभग एक करोड 11 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि संशोधित कानून से दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रह रहे एक करोड़ 35 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। श्री पुरी ने कहा कि इस संशोधन से मकानों के मालिकाना अधिकार के बारे में निवासियों की लम्बे समय से जारी मांग पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहर में रह रहे अन्य क्षेत्रों के मजदूरों के लिए किफायती आवासन किराया योजना भी शुरू की है।