वक्फ जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मंगलवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जब नया विधेयक आएगा, तो इससे गरीब मुसलमानों, पसमांदा समुदाय और विधवाओं को लाभ होगा। यह कथन असदुद्दीन ओवैसी की विधेयक पर टिप्पणी के संदर्भ में आया। पाल ने विरोध के बावजूद इस कदम की महत्ता को रेखांकित किया, जैसा कि अनुच्छेद 370, 35-A और तीन तलाक के मुद्दों पर हुआ था, लेकिन अंततः समाज को इससे लाभ ही मिला। उनका मानना है कि वक्फ विधेयक भी इसी प्रकार सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
जेपीसी की बैठकों में ओवैसी की सहभागिता को रेखांकित करते हुए जगदंबिका पाल ने बताया कि ओवैसी ने इनमें सक्रिय भाग लिया, जहां संशोधनों को वोटिंग के माध्यम से मंजूरी मिली और विपक्ष के असहमति नोट दर्ज किए गए। पाल ने जोर दिया कि सरकार वक्फ का लाभ वंचित तबके तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है और पूजा स्थलों की सुरक्षा प्राथमिक है।
वहीं, ओवैसी ने सरकार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के मौजूदा स्वरूप में पेश किए जाने के खिलाफ सावधान किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से देश में सामाजिक अस्थिरता उत्पन्न होगी, और यह मुस्लिम समुदाय द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है। ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि अगर इस विधेयक को लाया गया तो यह अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन करेगा। उन्होंने देश को पुराने दशकों में ले जाने के प्रयास के प्रति चिंता व्यक्त की और अपने समुदाय की संपत्तियों की सुरक्षा का संकल्प लिया। उनके अनुसार, वक्फ संपत्ति एक धार्मिक पूजा का अंग है और वह इसे बचाने के लिए कूटनीति का मार्ग नहीं अपनाएंगे। ओवैसी ने गर्वित भारतीय मुसलमान होने के नाते अपनी आवाज सदन में मुखर की।











