जम्मू और कश्मीर में पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के दोनों ओर स्थित 7 जिलों के मतदाता दस वर्षों में पहली बार विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे। बुधवार, 18 सितंबर को होने वाले केंद्र शासित प्रदेश में पहले चरण के मतदान के लिए मंच तैयार है। 5 अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू और कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।
23 लाख से अधिक मतदाता 219 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिनमें 90 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं, जो 24 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि जम्मू क्षेत्र के तीन जिलों में 8 और कश्मीर घाटी के चार जिलों में 16 विधानसभा क्षेत्र हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 नवंबर को होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। 18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के मतदान दल मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के साथ अपने निर्धारित मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गए।
चुनाव आयोग (EC) के अनुसार पहले चरण में कुल 23,27,580 मतदाता मतदान करने के पात्र हैं जिनमें 11,76,462 पुरुष, 11,51,058 महिला और 60 थर्ड-जेंडर मतदाता शामिल हैं।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.23 लाख युवा, 28,309 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के 15,774 बुजुर्ग मतदाता भी पहले चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। अधिकारी ने बताया कि कुल 14,000 मतदान कर्मचारी 3,276 मतदान केंद्रों पर प्रक्रिया की देखरेख करेंगे ताकि मतदान सुचारू रूप से हो सके। उन्होंने बताया कि 302 शहरी मतदान केंद्र और 2,974 ग्रामीण मतदान केंद्र हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी सहित चार चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। कुल मिलाकर पहले चरण के चुनाव के लिए 14,000 से अधिक मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
बुधवार को जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होना है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, डूरू, कोकरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पद्दर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं