
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात दंगों के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि जिन्होंने राजनीति से प्रेरित आरोप लगाये थे उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
शीर्ष न्यायालय ने कल ज़ाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई अन्य को 2002 के गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच दल द्वारा बरी किये जाने को चुनौती दी थी।
शाह ने कहा कि न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि गोधरा में रेलगाड़ी को आग लगाये जाने के बाद हुए दंगे पहले से नियोजित नहीं थे बल्कि उसी समय भड़के थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उस समय स्थिति को नियंत्रण में लाने की हरसंभव कोशिश की गई ।
सरकार की ओर से किसी तरह की देरी नहीं की गई और तीसरे पहर तक सेना बुला ली गई थी। कानूनी प्रक्रिया लम्बी चलने के कारण श्री मोदी ने 19 वर्ष तक खामोशी से झूठे आरोपों का सामना किया।