प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद मैट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण और सूरत मैट्रो रेल परियोजना का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भूमि पूजन किया। इन दो मैट्रो परियोजनाओं से इन शहरों में पर्यावरण के अनुकूल तेज रफ्तार, जन परिवहन प्रणाली उपलब्ध हो जाएगी। अहमदाबाद मैट्रो रेल परियोजना का दूसरा चरण 28 दशमलव दो पांच किलोमीटर लंबा होगा और इसके दो गलियारे होंगे। इस परियोजना की अनुमानित लागत पांच हजार 384 करोड़ रूपये आंकी गई है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से देश के प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों-अहमदाबाद और सूरत को आज बड़ा महत्वपूर्ण उपहार मिला है। इससे इन शहरों में यातायात और बेहतर हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बस, मैट्रो और रेल प्रणालियों को आपस में जोड़कर अत्याधुनिक परिवहन ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। अब ये परिवहन सुविधाएं अलग-थलग काम करने की बजाय आपस में जुड़ी सामूहिक प्रणाली के रूप में कार्य करेंगी और एक दूसरे की पूरक होंगी।
श्री मोदी ने कहा कि एक जमाना था, जब देश में मैट्रो रेल नेटवर्क को लेकर आधुनिक सोच नहीं थी। तब मैट्रो संबंधी कोई नीति भी नहीं थी। जिसका नतीजा यह हुआ कि अलग-अलग शहरों में अलग-अलग प्रकार की मैट्रो रेल सेवाएं बनीं।
श्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों और मौजूदा सरकार के कामकाज के तौर-तरीकों के बीच अन्तर यही है कि मौजूदा सरकार देश भर में मैट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार कर रही है। 2014 से पहले देश में 10-12 साल से केवल 225 किलोमीटर लंबी मैट्रो लाइनें चालू थीं।
पिछले 6 वर्षों में साढ़े चार सौ किलोमीटर से अधिक लंबे मैट्रो नेटवर्क पर ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इसके अलावा देश भर में 27 शहरो में एक हजार किलोमीटर लंबे मैट्रो नेटवर्क का निर्माण कार्य जारी है।
गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवब्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित अनेक गण्यमान्य लोगों ने समारोह में हिस्सा लिया।