प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत का अतीत एवं वर्तमान आदिवासी समाज के बिना अधूरा है और देश आदिवासी समाज के बलिदानों का ऋणी है। मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का अतीत, भारत का इतिहास, भारत का वर्तमान एवं भारत का भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की शुरुआत से लेकर 20वीं सदी तक ऐसा कोई दौर नहीं था जब आदिवासी समाज ने आजादी की लड़ाई की कमान नहीं संभाली थी। राजस्थान में आदिवासी महाराणा प्रताप के साथ पूरी ताकत से खड़े रहे। मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज के इतिहास और बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष संग्रहालय बनाए जा रहे हैं।
मोदी ने कहा कि मानगढ़ धाम आदिवासी वीरों के बलिदान, तपस्या और देशभक्ति का प्रतीक है। स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों का नेतृत्व करने वाले स्वतंत्रता सेनानी गोविंद गुरु को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गोविंद गुरु ने अपना परिवार खो दिया, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कहा कि गोविंद गुरु न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक संत और समाज सुधारक भी थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारों को मिलकर मानगढ़ धाम को इस तरह विकसित करना चाहिए कि यह स्थान नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्थान बन सके।