भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इन दिनों मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रहे 47वें आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
जयशंकर ने सोमवार को अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,
“आज सुबह कुआलालंपुर में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलकर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई सार्थक चर्चा की सराहना करता हूं।”
मुलाकात के दौरान ऊर्जा क्षेत्र पर विशेष रूप से चर्चा हुई। अमेरिकी पक्ष के अनुसार, भारत अपने तेल आयात स्रोतों में विविधता लाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। विदेश सचिव रुबियो ने कहा कि भारत अब केवल एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि कई देशों से तेल खरीदकर अपने हितों को संतुलित करेगा। यह रणनीति भारत ने काफी पहले से तैयार कर ली थी, जब अमेरिका-भारत के बीच टैरिफ विवाद भी शुरू नहीं हुआ था।
आसियान शिखर सम्मेलन के इतर जयशंकर ने सिंगापुर और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ बातचीत में दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय हालात के साथ-साथ भारत-सिंगापुर सहयोग को गहराने के अवसरों पर चर्चा की। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा,
“सिंगापुर के विदेश मंत्री से मिलकर खुशी हुई। वैश्विक परिदृश्य पर उपयोगी संवाद हुआ और सहयोग के नए अवसरों पर भी बात हुई।”
इसके बाद जयशंकर ने थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेतकेओ से अपनी पहली आधिकारिक बैठक की। दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। जयशंकर ने पोस्ट किया,
“थाई विदेश मंत्री से कुआलालंपुर में पहली मुलाकात हुई। हमारी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।”
विदेश मंत्री ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी भेंट की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के विषय पर भी चर्चा की।
मलेशिया इस वर्ष 26 से 28 अक्टूबर तक “समावेश और स्थिरता” थीम पर आसियान शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस दौरान जयशंकर ने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ह्यून से भी मुलाकात की और ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, रक्षा और शिपबिल्डिंग क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।











