केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया है कि भारत पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को पुनर्स्थापित नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि सरकार पाकिस्तान की ओर प्रवाहित हो रहे अतिरिक्त जल को राजस्थान तक पहुंचाने हेतु एक नहर निर्माण की योजना पर कार्य कर रही है।
गृह मंत्री ने दोहराया कि सरकार की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपरिवर्तित है। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों एवं पूर्वोत्तर राज्यों में आतंकवाद के मूलभूत कारणों का समाधान करने की दिशा में प्रयासरत है।
आर्थिक मुद्दों पर बोलते हुए, श्री शाह ने भारत को वैश्विक निवेश के लिए सर्वाधिक सुरक्षित एवं आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली, पारदर्शी नीतियों और विशाल उपभोक्ता बाज़ार का उल्लेख करते हुए देश की आर्थिक क्षमता पर प्रकाश डाला।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि 2014 से सरकार ने विकास के लाभों का समतामूलक वितरण सुनिश्चित किया है। उन्होंने भारत के वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने की संभावना पर भी बल दिया। विशेष रूप से, श्री शाह ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में किए गए सुधारों और वित्तीय समावेशन के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन योग्य मॉडल बताया।
गृह मंत्री के इन वक्तव्यों से भारत की स्पष्ट विदेश नीति, आतंकवाद-विरोधी दृष्टिकोण और आर्थिक विकास की रणनीति का परिचय मिलता है, जो वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करता है।